सन्वास सदन समिति
पितृपक्ष महासंगम हर वर्ष भाद्रपद शुकलपक्ष के अनंत चतुर्दशी के दिन से शुरू होता होकर आयोजित होता है | यह मेला धार्मिक, मिथकीय और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है| बड़ी संख्या में हिंदू, तीर्थयात्री 15 दिनों के पितृपक्ष मेले के दौरान स्थानीय पंडा के मदद से अपने पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्रदान करने के लिए पिन्डदान करने गया आते हैं |
बड़ी संख्या मे हर वर्ष तीर्थयात्रियों के गया आने के कारण यह बड़ी ज़रूरत महसूस की गई की सरकारी पदाधिकारियों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो| बिहार सरकार ने "बिहार एण्ड उड़ीसा प्लेसेज ऑफ पिलग्रिमेज एक्ट 1920 " अधिसूचित किया है ताकि तीर्थयात्रियों के आवासन, सफाई, यातायात, स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं का बेहतर प्रबंध किया जा सके | तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए और उसकी बेहतरी के लिए कई प्रावधान किए गये हैं| तीर्थयात्रियों के लिए आवासन केवल अच्छी तरह से जाँचे - परखे गये लाइसेंस प्राप्त भवनों मे ही होता है जिन्हे चिकित्सकीय कार्यपालक अधिकारियों द्वारा अनुमति प्रदान की जाती है |
संवास सदन समिति का गठन 'द बिहार एण्ड उड़ीसा प्लेसेज ऑफ पिलग्रिमेज एक्ट 1920 " के धारा 20 (2) के तहत किया गया है| यह क़ानून तीर्थयात्रियों के आवासन हेतु भवनों के नियमितीकरण व बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है|
संवास सदन समिति की संरचना मे प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नागरिकों में से नामित सदस्य शामिल हैं जिसका गठन इस क़ानून के प्रावधानों को लागू करने और आवश्यकतानुसार अन्य नीतियाँ बनाने के लिए किया गया है| बिहार एण्ड उड़ीसा प्लेसेज ऑफ पिलग्रिमेज एक्ट 1920 के धारा 20 (1) के अनुसार जिन सभी क्षेत्रों मे यह क़ानून लागू है वहाँ एक निधि का सृजन किया जाएगा जो लॉजिंग हौऊस फंड कहलाएगा|